लगभग 1 करोड़ की लागत से निर्मित उच्च विद्यालय में न तो वर्ग नौवीं व दशवीं के लिए कोई शिक्षक है न ही वर्ग संचालन के लिए पर्याप्त संसाधन. यह हाल बेनीपट्टी प्रखंड के जरैल गांव में दो वर्ष पूर्व नव-निर्मित उत्क्रमित उच्च विद्यालय का जो की मूलभूत सुविधाओं से जूझता नजर आ रहा है. संवेदक द्वारा दो वर्ष पूर्व भवन निर्माण कार्य पूरा कर विद्यालय प्रधान को भवन का चाबी सौंप दी गई है. लेकिन उचित देखरेख के अभाव में विद्यालय परिसर पशुओं के चारागाह में तब्दील हो गया है. आलम यह है कि विद्यालय के मुख्य द्वार व परिसर को अतिक्रमणकारियों द्वारा दिनों-दिन कब्जा किया जा रहा है. विद्यालय के बाहरी परिसर में जलावन का ढेर लगा हुआ है तो भवन के खिड़की व गेट को उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है. वहीं उद्घाटन के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक का पदस्थापन नही होने से छात्रों व ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. शिक्षक एवं उपस्कर के नहीं रहने से बच्चे किसी तरह शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं.
छात्र बताते हैं की उद्घाटन के बाद से आज तक एक भी दिन नौवीं व दशवीं के वर्ग संचालन उक्त भवन में नही हो सका है. और गांव में उच्च विद्यालय होने के कारण अन्यत्र नामांकन कराने में भी परेशानी आती है. जिसके कारण विद्यालय में नामांकित छात्रों का भविष्य अंधकारमय है. मौके पर स्थानीय लोगों ने विभाग के वरीय पदाधिकारियों से अविलंब विद्यालय की दिशा व दशा में सुधार लाकर नियमित शिक्षण कार्य प्रारंभ करने की मांग की है.
क्या कहते है प्रधानाध्यापक
इस बाबत प्रधानाध्यापक सुभाष साफी बताते हैं कि विभाग को उपस्कर व शिक्षक पदस्थापन के लिए आवेदन दिया गया है. लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नही की गई है. जिसके कारण वर्ग संचालन में परेशानी आ रही है.
क्या कहते है मुखिया
मुखिया अजय कुमार झा बताते हैं कि विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वर्ग कक्षा के पाठ्यक्रम के आधार पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. लेकिन उच्च विद्यालय जरैल में शिक्षकों के अभाव के कारण शिक्षा का हाल बेहाल है. विद्यालय में विद्यार्थियों के अनुरूप वर्ग कक्ष व शिक्षकों की पदस्थापना की जाए.
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