इमाम फिरोज के पिटाई मामले में पांच पुलिसकर्मी निलंबित थानाध्यक्ष बुलाये गए हेडक्वाटर

न्यूज डेस्क पटना

बेनीपट्टी के इमाम फिरोज का गर्म होता मामला को ठंडा करने की कोसिस पांच पुलिस कर्मी निलंबित प्रशिक्षु डीएसपी बुलाये गए हेडक्वाटर पहली पोस्टिंग रही नाकाम 

पुलिस हमेसा सवालों के घेरे में रहती है। एक बार फिर सवाल पुलिसिंग के ऊपर उठ रही है? ताजा मामला बेनीपट्टी थाना क्षेत्र का है जहाँ मस्जिद के इमाम फिरोज के द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया गया है। इमाम फिरोज ने आरोप लगाया की वाहन जाँच के दौरान पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की है, थाना में ले जाकर मारपीट किया। उन्हें घंटो प्रताड़ित किया गया है। इस दौरान उनके परिजन को सुचना नहीं दी गयी थी साथ ही उनका मेडिकल भी नहीं कराया गया था। इमाम फिरोज ने बताया उनके बहनोई ने निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया है। इस घटना के बाद वे दो दिनों तक सो नहीं पाए और आत्महत्या करने की उन्हें इच्छा होने लगी थी। घटना के बाद विभिन्न सोशल मिडिया फ्लेटफॉर्म पर इमाम फिरोज का वीडियो वाइरल होने लगा। लगे हाथ मुद्दे को मुख्य विपक्षी दल राजद भी हाथो हाथ ले ली और सरकार के लचर सिस्टम का मुद्दा बना कर मैदान में उतर गयी। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मिडिया पोस्ट के जरिये सुचना दी है की वे मधुबनी फिरोज से मिलने पहुंच रहे है। बढ़ते सोशल मिडिया का कोप और राजनितिक हलकों का उफान के बाद पुलिस कप्तान हरकत में आये और जांच की जिम्मेवारी हेडक्वाटर डीएसपी को सौप दिया। जाँच के दौरान पाया गया की वाहन जांच करने वाले पांच पुलिसकर्मी प्रथम दृष्टया दोषी है और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पुलिस कप्तान ने प्रशिक्षु डीएसपी गौरव गुप्ता को थाना प्रभारी के पद से मुक्त करते हुए हेडक्वाटर में अपना योगदान करने का निर्देश दिया है। ऑफ़ द रिकॉर्ड पुलिस कप्तान मानते है की पुलिस वालो से सिर्फ दो गलतियां हुई है।पहला फिरोज को पुलिस अभिरक्षा में लेने के उपरांत उनके परिजनों को सुचना देना चाहिए था? दूसरा उनका मेडिकल करना चाहिए था? यह कोई बड़ा आरोप नहीं है जिसमे पुलिसकर्मी दोषी पाए जा सकते है। निलंबन हटाते वक्त कर्मी अपने पक्ष में कह सकते है की हमने कोई गिरफ्तारी नहीं किया था और जिस वक्त उन्हें डिटेन किया गया था उन्हें कोई चोट नहीं था। साक्ष्य के तौर पर उनका थाना के अंदर आते और जाते हुए का CCTV फुटेज जिसमें वे खुद बाइक ड्राइव कर निकल रहे हैं। वीडियो सुपुर्द कर वे सभी बच सकते है। ऑफ द रेकॉर्ड वे यह भी बताते है की फिरोज बाइक रोकने के वजाय भगाने लगे और इसी दौरान उन्हें चोट लगी थी। हालांकि वे यह मानते है की जब वे भाग रहे थे तो उस वक्त कुछ पुलिसकर्मी ने उनके ऊपर लाठी चलाया था। अब सवाल यह है की पुलिस कप्तान ने फिर पांच पुलिसकर्मी का निलंबन जैसी कारवाई क्यों की ? क्या पुलिस सोशल मिडिया व पॉलिटिकल दवाव में यह कारवाई करने को विवश हुए या वे पुलिस को संदेस देने की कोसिस किये है। हालांकि मधुबनी मिडिया ने यह सवाल पूछा था जिसका जवाव आया की सभी पुलिस वालों को निर्देशित किया गया है की काम संविधान के अनुसार करना है। सस्पेंड पुलिस कर्मी स० अ० नि० मुकेश कुमार हवलदार रंजीत सिपाही 557 विक्रम कुमार चौकीदार सुरेश पासवान चौकीदार सुरदीप मंडल है।
SP PC
https://www.facebook.com/share/v/1VtAkwvV5m/

Post a Comment

0 Comments