मधुबनी रेलवे स्टेशन पर श्रमदान के बदौलत सात हजार स्कवायर फीट में मधुबनी पेंटिंग तैयार की जा रही है । सात दिनों में इस कार्य को करने का लक्ष्य रखा गया है । जिसमें महिला,छात्राए, बच्चे , युवा , प्रोफ़ेसर के अलावे एक मूक बधिर कलाकार भी शामिल है । यह कलाकार ना बोल सकती है और ना ही सुन सकती है सिर्फ इशारों में बाते समझती है ।
थीम को समझाने के लिए इस कलाकार की माँ उसके साथ हमेशा रहती है । मैट्रिक सेकेण्ड डिवीजन से पास करने के बाद इस कलाकार का इरादा कला के क्षेत्र में आगे बढते जाना है । यह खुद तो इंस्टीट्यूट से पेंटिंग सिख रही है और खुद जो थीम सिख कर आती है वह अपने माँ को भी सिखाने का काम करती है ।इस कलाकर की माँ ने बताया की मेरी बेटी हवाई जहाज की सैर करना चाहती है और कला के क्षेत्र में काफी आगे जाना चाहती है !
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