13 स्वतंत्रता सेनानियों वाला इस गाँव ने किया राजनेताओं का प्रवेश वर्जित, रोड एवं पुल नहीं तो वोट नहीं के लगाए पोस्टर


न्यूज़ डेस्क पटना 
13 स्वतंत्रता सेनानी वाला इस गांव में आजतक ना तो सड़क बनी और ना ही एक अदद पुल और इसलिए इस गांव के जनता ने फैसला किया गांव में किसी भी राजनेता को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा ! ग्रामीणों ने गांव में कई जगह बकायदा बैनर पोस्टर लगा कर लिखा है रोड नहीं तो वोट नहीं पुल नहीं तो वोट नहीं ! आजतक की टीम ने गांव का दौरा किया तो लगा बाकई यह गांव पिछड़ा है ! प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी भले ही खुद को जात से पिछड़ा कहते है लेकिन यह गांव अपने विकास नहीं होने से पिछड़ा है ! गाँव में प्रवेश करने के लिए 1837 में एक निजी फंड से बने पुल से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं लगा ! पुल निचे से बिलकुल टूट चुका है ऊपर में ग्रामीण चचरी बना कर डाल दिए है जिसके सहारे लोग महज चल सकते है ! पुल के ऊपर से चार पहिया तो गुजर नहीं सकता है हां जान हथेली पर लेकर दो पहिया वाहन जरूर निकाल सकते है ! पुल से आगे बढ़ते ही टूटी फूटी मिट्टी की सड़के मिली जिसपर कही-कही ईंट के टुकड़े दिखाई दे रहे थे ! सायद वर्षात के दिनों में यह सड़क नदी बन जाता होगा ! हम आगे बढे तो गांव में कई जगह राजनेताओं का प्रवेश वर्जित है का पोस्टर दिखाई दिया ! ग्रामीणों को जैसे ही खबर मिली की आजतक की टीम गांव में आयी है लोग पुलिया पर जुटने लगे और हमें भी अपनी व्यथा सुनाने के लिए पुनः उस खंडहर पुलिया के समीप ले गए ! एक ग्रामीण ने बताया की देश की आजादी में हमारे गांव के तरह लोगो ने भाग लिया लेकिन मेरा गांव आज तक विक्षित नहीं हुआ ! दो हजार के वोटरों वाले इस गांव में ना सड़क बना और ना ही पूल ! लोग दो किलोमीटर के रास्ते को पंद्रह से बिस किलोमीटर का चक्कर काटकर पूरा करता है ! दो बार पंचायत समिति के सदस्य रह भूके भगवान पांडे ने बताया की मैं ने कई बार सड़क और पुलिया को योजना में डाला लेकिन हर बार बारह, तेरह नंबर पर मुझे रखा जाता रहा और मेरा नंबर आते आते पैसा ख़त्म हो जाता था ! इस बार जबतक प्रशासनिक पदाधिकारी लिखित अस्वासन नहीं दे देते तबतक हमलोग वोट वहिष्कार करते रहेंगे !

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