न्यूज़ डेस्क पटना
पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने मधुबनी के चुनावी रण से बाहर निकलने की घोषणा कर दी है. वे आज शाम इसका आधिकारिक एलान करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री फातमी राजद से बगावत कर मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर नामांकन दाखिल किया था. इसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ कारवाई करते हुए राजद से छह वर्षो के लिए निष्काषित कर दिया था. पार्टी से निकाले जाने की खबर के बाद अली अशरफ फातमी ने तेजस्वी यादव पर जमकर भड़ास भी निकाला थी. फातमी ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनकी जितनी उम्र है उससे अधिक समय वे राजनीति कर रहे हैं. फातमी ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा था कि राजद में उन जैसे नेताओं की कोई पूछ नहीं. फातमी दरभंगा से कई बार सांसद रह चुके हैं. वे इस बार भी दरभंगा से चुनाव लड़ने के इच्छूक थे. लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने मधुबनी पर फोकस किया. लेकिन वहां से भी उन्हें सफलता नहीं मिली और सीट वीआईपी के खाते में चली गई. इसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत कर बसपा के टिकट पर मधुबनी सीट से नामंकन दाखिल कर दिया और चुनाव प्रचार में जुट गए थे। इसी बीच आज उन्होंने मैदान छोड़ने का फैसला ले लिया है. जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार अल्पसंख्यक नेताओं के दबाव की वजह से उन्होंने पीछे हटने का फैसला लिया है ! राजनितिक बाजार में चर्चा है शकील अहमद के चुनावी मैदान में आने के कारण उन्हें मुस्लिमो का वोट ध्रुबिकरण करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता और दोनों ही मुस्लिम प्रत्यासी चुनाव हार जाते ऐसे में चर्चा है शकील अहमद को मजबूत प्रत्यासी के तौर पर उपस्थिति दर्ज करवाने में मदत करने के उद्देश्य से उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया है ! सवाल बड़ा यह है क्या फातमी ने नामांकन वापस लेने से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती से इजाजत लिया था ?
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