एक ऐसा स्कूल ,जहा स्कूल का भवन तो है पर जर्जर अवस्था में है ,बच्चो एवं शिक्षकों को शौचालय और पिने के पानी के लिए पड़ोस के घर में जाना पड़ता है


न्यूज़ डेस्क पटना 
रिपोर्ट :नीरज कुमार सिंह ,पिंटू 
मुख्यमंत्री नितीश कुमार के सात निश्चय में है हर घर जल नल ,पक्की नाली ,हर घर शौचालय लेकिन अफ़सोस यह निश्चय का लाभ आम लोगो को तो क्या सरकार के अपने विभाग को भी नहीं मिल पा रहा है ! हम बात कर रहे है शिक्षा विभाग के उस विधालय का जिनके पास ना तो पक्का भवन है ना शौचालय और ना ही जल की व्यवस्था है ! सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधार के चाहे लाख दावे कर ले लेकिन हकीकत कुछ और ही दिखता है ! मामला मधेपुर प्रखंड के महिसाम पंचायत स्थित प्राथमिक मकतब महिसाम नवटोल विधालय का है ! विधालय का निर्माण-1972 ई0 में हुआ था ! 13 धुर जमीन पर बने इस विधालय का मौजूदा भवन जर्जर हो चुका है । साथ ही इस विधालय के पास ना तो शौचालय है और ना ही चापाकल का व्यवस्था है ! विधालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित कुल 4 शिक्षक और 178 बच्चे नामांकित हैं । बच्चों एवं शिक्षकों को पानी एवं शौचालय जैसे मुलभुत सुबिधाओ के लिए दूसरे के घरो पर निर्भर रहना पड़ता है ! मध्याहन भोजन बनाने के लिए रसोइया पड़ोस के घर से पानी भरकर लाती है ! प्रभारी प्रधानाध्यापक मो0 जौहर इदरीस ने बताया कि हमने कई बार विधालय के जर्जर भवन को लेकर विभाग के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी लिखित रूप से आवेदन देकर स्थिति से अवगत कराया गया है पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुआ है ! 

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