मधुबनी मीडिया डेस्क
हाई कोर्ट में वन अगेन वन मतलब दो CWJC फाईल की गयी हैं. दोनों ही CWJC मधुबनी के पार्षदों द्वारा फ़ाइल की गयी है। पहला CWJC 26 पार्षदों के द्वारा फाईल किया गया हैं. वहीं दूसरा CWJC पाँच पार्षदों के दूसरे गुट के द्वारा फ़ाइल की गयी है। यानी हम लिख सकते है की गुटवाजी के दामन तले मधुबनी का जिला परिषद् सदन साथ - साथ हाई कोर्ट के दहलीज पर खड़ी है। 31 जनवरी 2024 को दर्ज पहले CWJC में 26 आबेदनकर्ताओं मोहम्मद फैयाज, रेजाउद्दिन समेत 26 पार्षदों ने हाईकोर्ट में अपना अर्जी लगाया हैं. वहीं 13 फरवरी को सबिता कुमारी व विनोद कुमार शाह समेत पाँच पार्षदों ने भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए CWJC फाईल कर दिया है. दरअसल 15 जनवरी को जिला परिषद्अ अध्यक्ष पर लगे विश्वास के समर्थन में 27 पार्षद सदन पहुंचे थे और उन्होंने मौजूद पार्षदों के मध्य वोटिंग कराने की मांग किया था, जिसे तत्कालीन पदाधिकारी ने मानने से इंकार करते हुए बैठक का कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देते हुए कार्यवाही निरस्त कर दिया था। जानकारी के लिए बता दे की मधुबनी जिला में कुल 56 पार्षद चुनाव जीतकर सदन पहुंचते है और 51% पार्षद के उपस्थिति के बाद ही कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाता है। यानी कुल 29 पार्षदों के उपस्थिति के बाद ही कारवाही को आगे बढ़ाने की बात कही गयी। अब सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहला CWJC एक गुट के ओर दायर किया गया हैं. आरोप है 15 जनवरी को जिला परिषद अध्यक्ष पर लगे अविश्वास के दौरान तत्कालीन DDC व अन्य पदाधिकारियों ने नियम को दरकिनार करते हुए पार्षदों के अधिकार का हनन किया हैं. पार्षदों ने प्रोसीडिंग में जिक्र करते हुए लिखा हैं की पंचायती राज अधिनियम 70 के पैराग्राफ 58 व 59 पंचायती राज एक्ट 2006 कहती है कुल पार्षदों का पाँचवा भाग यदि सदन में मौजूद रहता है तो वोटिंग कराया जा सकता है। पार्षदों ने LPA नंबर 113/2020 में धर्मशिला कुमारी के पक्ष में निर्णय का भी जिक्र किया है और उसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कार्यवाही को आगे बढ़ाने का मांग किया है। फिलहाल यह CWJC अपने सुनवाई का इन्तजार कर रही है। इसी दौरान सूत्रों ने जानकारी मिली है की सबिता कुमारी उर्फ़ सबिता देवी विनोद कुमार साह समेत पाँच पार्षदों ने 13/02/2024 को एक और CWJC फ़ाइल कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह CWJC 19 जनवरी को हुए उपाध्यक्ष पर लगे अविश्वास से सम्बंधित है। जानकारी के अनुसार 19 जनवरी को जिला परिषद् उपाध्यक्ष पर लगे अविश्वास में कुल 34 पार्षद सदन में पहुंचे थे। वोटिंग के दौरान 24 पार्षदों ने अविश्वास के पक्ष में वोटिंग किया वही 08 पार्षदों ने अविश्वास का विरोध किया जबकि 02 वोट निरस्त माने गए। सूत्रों के अनुसार अविश्वास का समर्थन करने वाले पार्षदों का मानना है की इस आधार पर उपाध्यक्ष भी अल्पमत में है और उसे भी कुर्शी से उतार दिया जाय। फिलहाल सभी की नजरें हाई कोर्ट पर टिकी हुई है।
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