पटना डेस्क: बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले ही सियासत में संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एक तरफ कांग्रेस में टूट का डर है तो दूसरी तरफ बिहार के सत्ताधारी गठबंधन एनडीए में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसी बीच प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में कोई भी खेला हो जाए आपको शायद जानकारी हो कि बिहार में 2012 के बाद ये नीतीश का छठा से सातवां प्रयोग है। केंद्र में चाहे यूपीए की सरकार हो या प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार हो। बिहार में नीतीश कुमार चाहे महागठबंधन के साथ रहें या अकेले रहें या फिर भाजपा के साथ रहें इससे बिहार में क्या बदल गया? क्या आज बिहार में बच्चों के पढ़ने की व्यवस्था अच्छी हुई? बिहार में क्या चीनी मिलें चालू हुई? बिहार के लोगों को रोजगार तो मिला नहीं। बिहार के लोग आज भी पलायन के लिए मजबूर हैं।
बिहार में किसी की भी सरकार बन जाए चाहे वो किसी भी फॉर्मेशन में आ जाए। किसी भी तरह का खेला हो जाए, बिहार में परिवर्तन आने वाला नहीं है। बिहार में खेला तो तब होगा जब बिहार की जनता खुद खड़ा होकर जितने भी खेला करने वाले लोग हैं उन्हें झाड़ू मारकर बाहर करेगी तब असली खेला होगा।
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