न्यूज़ डेस्क पटना
मधुबनी जिले के मधेपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के कुछ घंटों के बाद ही नवजात शिशु की मौत पर उनके परिजनों ने रविवार की सुबह जमकर बवाल काटा।प्रसव पीड़ीता एवं उनके परिजनों ने ये आरोप लगाया कि अस्पताल के इमरजेंन्सी डयूटी में तैनात चिकित्सक के लापरवाही बरते जाने के कारण नवजात शिशु की मौत हुई है। परिजनों एवं स्थानीय लोगों के आक्रोश को देखते हुए डयूटी पर तैनात आयुष चिकित्सक डा0 हरेन्द्र कुमार सिंह अस्पताल के आराम कक्ष में कमरा बंद कर कई घंटो तक दुबके रहे। घटना की सूचना पाकर मधेपुर थाना पुलिस ने मरीज के परिजनों सहित आकोशित लोगों को शांत कर कमरे में बंद चिकित्सक को बाहर निकाला। प्रसव पीड़ीता मधेपुर पश्चमी बाजार के कोचला टोला निवासी जायदा खातून के परिजनों का कहना था कि प्रसव पीड़ा होने पर मरीज को शनिवार की शाम 8 बजे पीएचसी में भर्ती कराया। रात्रि के लगभग 11 बजे उन्हें नॉर्मल प्रसव हुआ। रात्रि के 2 बजे नवजात शिशु की तबियत बिगड़ने लगी। डयूटी में तैनात डा0 हरेंन्द्र सिंह को परिजन और आशा बुलाने गये तो उनका कमरा बंद था। दरवाजा को काफी खटखटाने पर चिकित्सक उठे तो नवजात शिशु को देखने के बजाय हमलोगों पर भड़क उठे। इतना ही नहीं चिकित्सक डयूटी में तैनात आशा कर्मी व एएनएम पर भी भड़क गये और नींद से जगाने के लिए खूब खरी खोटी सुनाया। इस दौरान नवजात शिशु का स्वास्थ्य और भी बिगड़ता चला गया तथा रात्रि के लगभग 3 बजे ईलाज के अभाव में शिशु की मौत हो गयी।हद तो तब हो गई जब डा0 हरेन्द्र सिंह ने बताया कि जन्म के बाद नवजात शिशु को टेम्प्रेचर मेन्टेन करने की मशीन में रखा गया था। तत्पश्चात उनकी मां की गोद में बच्चा को देकर दुध पिलाने के लिए दे दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा0 दिनेश चौधरी ने भी नवजात की मौत एसफिक्सिया से होने की बात की पूष्टि की है। थानाध्यक्ष रामाशीष कामती ने बताया कि इस मामले में पीड़ीत परिवारों के द्धारा अबतक कोई लिखित शिकायत नहीं की गयी है।
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