अब कामकाजी महिलाओं को ड्यूटी के दौरान नही सतायेगी बच्चों की चिंता



*मधुबनी के डीआरडीए एवं महिला थाना में होगा पालनाघर का संचालन, सीसीटीवी से की जाएगी निगरानी*                 


*मधुबनी मीडिया डेस्क: सरकार की महिला सशक्तिकरण की नीति एवं पारिवारिक आय में  योगदान के महत्व को स्वीकार करते हुए महिलाएं अधिकाधिक रोजगार एवं सेवा में नियोजित हो रही है। संयुक्त परिवार में टूटने तथा एकल परिवारों की संख्या में वृद्धि के कारण, कार्यावधि में कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों की गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित देखभाल की आवश्यकता को देखते हुए महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार द्वारा मधुबनी में दो पालनाघरों के संचालन की स्वीकृति दी गयी है। जिसके तहत डीआरडीए भवन के प्रथम तल एवं महिला थाना में कुल दो पालनाघर का संचालन किया जायेगा। बच्चों की देख-रेख दो कर्मी यथा-क्रेच वर्कर तथा सहायक क्रेच वर्कर के द्वारा किया जायेगा। क्रेच वर्कर के चयन हेतु स्नातक एवं बच्चों के साथ कामनकरने पालना घर मे काम करने संबंधी अनुभव तथा सहायक क्रेच वर्कर के लिए इंटरमीडिएट एवं बच्चों के साथ काम करने का अनुभव अनिवार्य है। पालनाघर में कामकाजी महिलाओं के 05 महीना से 05 वर्ष तक के बच्चों को डे केयर के दौरान देख-रेख की जाएगी। साथ ही पुरुष कर्मचारी के छोटे बच्चे भी पालनाघर का लाभ ले सकते है।  पालनाघर के संचालन का समय सुबह 09:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक होगा। क्रेच वर्कर एवं सहायक क्रेच वर्कर के द्वारा बच्चों को खाना या दूध भी दिया जायेगा।*

*पालनघर मे कई तस्वीरें भी लगाई जाएगी जिसे देखकर बच्चे आकर्षित होंगे और खेलकूद कर पढ़ाई कर सकेंगे पालना घर की सभी गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा।*

Post a Comment

0 Comments