दो करोड़ की जमीन बना अस्सी करोड़ का ,सरकार के कब्जा का जमीन सरकार के हाथो बेचने का नया फार्मुला

भू माफिया का शातिराना चाल को दरभंगा राज की महारानी ने निष्क्रय कर दिया अन्यथा कथित दो करोड़ की जमीन का सरकार को अस्सी करोड़ भुगतान करना पड़ता और भू माफिया का कथित दो करोड़ अस्सी करोड़ वाइट मणि बन जाता ! मामला मधुबनी के भौआड़ा स्थित महल से जुड़ा है !जो वर्तमान में पुलिस लाइन है !

मधुबनी के गौरवशाली इतिहास का गवाह इस महल में आजकल पुलिस लाइन है ! यह पुलिस लाइन का राजमहल कई राजाओं का साक्षी रह चुका है ! वर्तमान में महल काफी पुराना एवं जर्जर हो चुका है और इस महल में पुलिस के जवान को रहने में काफी परेशानी हो रही है ! इसी परेशानी को देखते हुए सरकार ने इस जमीन को अधिग्रहण का प्रस्ताव पारित किया है ! सरकार के द्धारा जमीन अधिग्रहण के लिए अस्सी करोड़ का आवंटन भी हो गया है ! हालांकि इस बात की भनक जैसे ही भू माफियाओ को लगा उसने यह जमीन को बिना कोर्ट के स्वीकृति के अबैध ढंग से दो ट्रस्टी से लिखा लिया जबकि महाराज के वसीयत के मुताबिक़ तीन ट्रस्टी है साथ ही कलकत्ता हाई कोर्ट के इजाजत के बाद ही जमीन को बेचा जा सकता है !

इस बात की खबर जैसे ही दरभंगा राज की महारानी को लगी ,महारानी में तुरंत ही कलकत्ता हाई कोर्ट में अर्जी डालकर जमीन बिक्री पर स्टे लगाने का इजाजत माँगा है ! और समन्धित कागजात मधुबनी जिला पदाधिकारी को एक प्रति पहुंचा दिया गया है ! महाराज के बंसज अजयधारी सिंह की माने तो इस जमीन को भू माफियाओं ने दो करोड़ में खरीदा था और सरकार के हाथो अस्सी करोड़ में बेचने के फिराक में था ! इस मामले में कई अधिकारी संलिप्त है ! 

जमीन मामले में लचर व्यवस्था रहने के कारण भारी पैमाने पर घोटाले किये जा रहे है ! अधिकारियों के मिलीभगत से  माफिया सरकार के कब्जे का जमीन सरकार के ही हाथो बेचकर करोड़ो कमा रहा है ! देखना है इतने बड़े घोटाले का फर्दाफास होने पर मामले में क्या कारवाई किया जाता है !

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