शिवलिंग विवाद में सुलग रहे बाबूबरही में क्या हैं ताजा हालात


मधुबनी जिले के बाबूबरही थाना क्षेत्र अंतर्गत खोजपुर गांव में सरकारी जमीन पर ग्रामीणों की खुदाई पर निकले शिवलिंग पर दो गांवों के बीच विवाद ने बुधवार की रात हिंसात्मक रूप ले लिया. मूर्ति को लेकर प्रखंड क्षेत्र के नबका टोल खोजपुर व कुकरूपट्टी गांव में विवाद सुलझता हुआ नही दिखाई दे रहा था. जिसके बाद बीती रात पुलिस ने बाबूबरही थानाध्यक्ष पंकज आंनद के नेतृत्व में दर्जनों पुलिस बल के साथ विवादित शिवलिंग को कब्जे में लेने के लिए खोजपुर गांव पंहुची. लेकिन रात एक बजे के करीब तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. खुदाई में मिले शिवलिंग को लाने गए भारी प्रशासनिक अमले और विरोध कर रहे ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई. झड़प ने ऐसा विकराल रूप ले लिया की ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसके बचाव में पुलिस को हवाई फायरिंग, लाठीचार्ज करना पड़ा. इस भिड़ंत में एक दुकानदार मांगन साहु की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है. 



वहीं कई ग्रामीणों के घायल होने की बात भी कही जा रही है. आक्रोशित ग्रामीणों ने रात में ही प्रशासन के चार चारहिया वाहन, एक जेसीबी, एक अग्निशमन वाहन और दो बाइक को आग की हवाले कर दिया. जिसके कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने मांगन साहु की लाश के साथ बाबूबरही-खुटौना मुख्य पथ को खोजपुर गांव में जाम कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि सदर एसडीओ की गाड़ी ने मृतक मांगन साहु को घसीट दिया, जिससे उसकी मौत हो गई.


मिली जानकारी के अनुसार के मुताबिक बुधवार रात करीब एक बजे तीन दर्जन से अधिक पुलिस, प्रशासन की गाड़ियों से प्रशासनिक अमला अचानक खोजपुर गांव जा पहुंचा. वहां के सोमनाथ मंदिर में स्थापित किए गए प्राचीन शिवलिंग को वह अपने कब्जे में करना चाहता था. इस शिवलिंग पर आधिपत्य को लेकर खोजपुर और नवका टोल के ग्रामीणों के बीच कुछ महीनों से विवाद चल रहा है. पुलिस प्रशासन के आने की सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली वहां भारी तादाद में ग्रामीण जुट गए और शिवलिंग ले जाए जाने का विरोध करने लगे. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने अंधाधुंध लाठी चार्ज कर दिया और करीब दस राउंड हवाई फायरिंग भी की.
उसी अफरातफरी में गाड़ी से घिसटकर एक स्थानीय दुकानदार मांगन साहु की मौत हो गई. चारों ओर बेतरतीब घुमाए जा रहे जेसीबी की ठोकर से वहां के हनुमान मंदिर की दीवार भी ढह गई. जिसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता देख पुलिस प्रशासन वहां से भाग निकला. जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने चार चौपहिया वाहन, एक जेसीबी, अग्निशमन वाहन सहित दो बाइक को आग के हवाले कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन उस शिवलिंग को रात में ही साथ ले गई. जबकि प्रशासन का कहना है कि प्रशासन को ग्रामीणों के विरोध के कारण भागना पड़ा और शिवलिंग अभी भी ग्रामीणों के कब्जे में ही है.
क्या है विवाद 
गत रामनवमी के दिन खोजपुर कोसी नहर के निकट मिट्टी खुदाई के क्रम में एक प्राचीन शिवलिंग मिला था। इसे वहां के ग्रामीणों ने गांव के पश्चिम सोमनाथ मंदिर परिसर में स्थापित कर दिया. वहीं बेला पंचायत के नवका टोल के ग्रामीण शिवलिंग प्राप्ति स्थल को अपने गांव के सीमा क्षेत्र में होने का दावा करते उसे वहीं प्राप्ति स्थल पर ही स्थापित करने की मांग करते धरना-प्रदर्शन, सड़क जाम करते रहे. कई बार शांति समिति की बैठक भी हुई, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आ सका. विवाद बढ़ता देख पुलिस ने दोनों गांवों के दर्जनों लोगों के खिलाफ धारा 107, 108 के तहत निषेधाज्ञा पहले से लगा रखा है.
कहा कहा सदर एसडीपीओ ने
शांति समिति की बैठक में ग्रामीणों ने शिवलिंग विवाद को सुलझाने के ख्याल से उसे प्रशासन के कब्जे में दिए जाने पर सहमति जताई थी. इसी कारण प्रशासन बुधवार रात शिवलिंग लाने खोजपुर गांव पहुंचा था. लेकिन वहां असामजिक तत्वों ने प्रशासन पर हमला बोल दिया और प्रशासन को बगैर शिवलिंग लिए वापस लौटना पड़ा. आक्रोशित ग्रामीणों ने रात में ही प्रशासन के चार चारहिया वाहन, एक जेसीबी, एक अग्निशमन वाहन और दो बाइक को आग की हवाले कर दिया है. फ़िलहाल स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है.
डीएम एसपी के संग वार्ता के एवं आश्वासन के बाद शांत हुए लोग
शिवलिंग को कब्जे में लेने के लिए प्रशासन के द्वारा उठाए गए कदमों का खोजपुर गांव के लोग दुर्भावना से प्रेरित कदम बता रहे थे. गुरुवार की सुभ सड़क जाम कर रहे लोगों का कहना था की अगर प्रशासन को शिवलिंग उठाकर ले जाना ही था तो रात में डकैत की तरह क्यों आए. इसके वाबजूद भी पुलिस ने ग्रामीणों के साथ बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की. पुलिस ने गांव में आते ही दनादन हवाई फायरिंग करते गोलियों की बौछार कर दी. पुलिस की कार्रवाई के बाद गांव के लोग सड़क पर आ गये. उसी दौरान हो हल्ला सुनकर घर से निकले स्थानीय दूकानदार मंगनदेव साहु उर्फ मांगन को गाड़ी से घसीट दिया गया. जिस कारण उसकी मौत हो गई. आक्रोशित भीड़ को देखकर प्रशासन के कोई भी पदाधिकारी यहां दोपहर तक नहीं पहुंचे. 
दिन के 11 बजे डीएम मधुबनी शीर्षत कपिल अशोक एवं एसपी दीपक बरनवाल विभिन्न पदाधिकारियों के संग प्रखंड मुख्यालय पहुंचे. स्थानीय सामुदायिक भवन में लगातार बैठकों का दौड़ चला. जिसमें पीड़ित पक्ष के लोगों ने भी इसमें शिरकत की. 


मृतक के परिजनों को आपदा कोष से 4 लाख रूपया तत्काल पोस्टमार्टम के बाद देने, कांडों के विभिन्न दोषी पदाधिकारियों के स्थानांतरण तथा शिवलिंग को पुनः खोजपुर सोमनाथ मंदिर परिसर में ही स्थापित किए जाने का आश्वासन डीएम ने दिया. इसके अतिरिक्त अन्य मांगो तथा जख्मियों को दो-दो लाख रूपया देने, मौत को लेकर पिपराटोल के कुछ लोगों पर दफा 302 के तहत कार्रवाई, ध्वस्त किए गए महाविर मंदिर के निर्माण एवं खोजपुर के लोगो पर किए गए मुकदमा एवं धारा 107 के तहत कार्रवाई का समीक्षा का आश्वासन दिया गया. 


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