10 दिन बाद नेपाल में फिर से होगी बंदी



बासोपट्टी (मधुबनी), प्रवीण ठाकुर : पड़ोसी देश नेपाल में पिछले पांच दिनों से चले आ रहे बंदी दस दिनों के लिए ख़त्म कर दिया गया है. बंदी के कारण नेपाल में जीवन बेपटरी हो गई थी. जनकपुर धाम सहित दर्जनों बाजार पूर्णरूपेण बंद थे. इस बंदी में मधेशी कार्यकताओं व नेपाल के राजपा पार्टी ने मुख्य भूमिका निभाया है. स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर राजपा ने पुरजोड़ विरोध किया है, जिस कारण नेपाल में पिछले पांच दिनों से पार्टी कार्यकर्त्ता व नेपाली प्रहरी के  बिच झड़प भी हुई, जिसमें पूनम झा मैथिलि सहित दर्जनों लोग घायल भी हुए. राजपा और मधेशी नेता स्थानीय निकाय चुनाव से पहले संविधान में संशोधन की मांग पर अड़े हुए है. सोमवार से जनकपुरधाम सहित अन्य शहरों में जनजीवन सामान्य हो गया है. दस दिन बाद होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में फिर एक बार बंदी का ऐलान किया गया है. बंदी की घोषणा के बाद एक बार फिर नेपाल की राजनीति गरमा गई है. आंदोलनरत नेपाल के राजपा पार्टी के प्रवक्ता कृष्णा सिंह ने बताया कि जबतक वर्तमान संविधान में संसोधन नही किया जाएगा, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. आदिवासी, जनजाती, मधेशी और थारू को दमन करके नेपाल सरकार अपना चरित्र दिखला रही है. और इस घटनाचक्र को अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी बड़ी गंभीरता पूर्वक देख रही है. राजपा के केंद्रीय सदस्य लाल किशोर साह ने संविधान में संशोधन को लेकर वर्तमान सरकार को अपना रवैया अबिलम्ब ठीक करने को कहा. उन्होंने कहा की यदि इसी तरह नेता और कार्यकर्ता को पिटा गया तो हम लोग भी अब खामोश नही रहेंगे, चाहे जितनी लाठियां बरसाई जाए. मालूम हो की नामांकन से पहले 6 पार्टी विरोध जाता रहा थी, वर्तमान में सिर्फ राजपा ही पुरजोड़ विरोध कर रही है. आपको बताते चले 15 मधेशी दलों का आपस में विलय हो कर राष्ट्रीय जनता पार्टी बनी है. जिसके अध्यक्ष जाने माने मधेशी नेता महंथ ठाकुर हैं.

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