न्यूज डेस्क पटना
जिला पदाधिकारी अमित कुमार की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति, की बैठक समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित हुई।
इस बैठक में जिले के अंतर्गत उर्वरक की उपलब्धता, वितरण एवं इससे जुड़ी समस्याओं के निदान पर विशेष चर्चा की गई।
बैठक में मौजूद माननीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा कई प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें उर्वरक के कालाबाजारी को लेकर सभी लोग गंभीर दिखे। इस परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी ने बताया कि उर्वरक की कालाबाजारी करने वालों के प्रति जिला प्रशासन की नीति जीरो टॉलरेंस की है। इस संदर्भ में पूर्व में भी कड़े कदम उठाए गए हैं और भविष्य में भी और कड़े कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि की व्यापक समस्याओं पर विमर्श के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा जानकारी दी गई कि पूर्व के अनुपात में जिले में गेहूं की खेती के प्रति कृषकों का रुझान बढ़ा है। इसमें विगत वर्ष से लगभग बीस हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का इजाफा हुआ है। ऐसे में यूरिया और डीएपी की मांग बढ़ना स्वाभाविक है।
सदस्यों के द्वारा इस बात पर भी चिंता प्रकट की गई कि पूर्व में जिले में जैविक खाद उत्पादन की दिशा में कुछ कदम उठाए गए थे, परंतु जैविक खाद उत्पादन में गुणवत्ता की कमी एक बड़ी चुनौती है। जिसको देखते हुए रासायनिक खाद पर लोगों की निर्भरता बढ़ी है। इतना ही नहीं पूर्व में गेहूं के खेतों में ढैचा के बीज की रोपाई कर कुछ दिनों बाद उसे खेत में जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। जिससे डीएपी की मांग कम रहती थी। परंतु ढैचा के बीज की आपूर्ति कम होने से यह प्रक्रिया भी हासिए पर है।
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि चूंकि जिले में उर्वरक का आवंटन कम है, ऐसे में कालाबाजारी बढ़ती है। अतः विभाग को उर्वरक का रैक प्वाइंट मधुबनी जिले में बनवाना चाहिए। जिससे जिले में उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि उर्वरक को उसके निर्धारित मूल्य से अधिक राशि में बेचना कानूनन जुर्म है। इसकी रोकथाम के लिए जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अधिकृत किया गया है।
उपस्थित माननीय जन प्रतिनिधियों द्वारा मांग की गई कि उर्वरक विक्रेताओं की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए नए लोगों को लाइसेंस प्रदान किए जाएं।
उर्वरक निगरानी की चर्चा के क्रम में जिले में धान की अधिप्राप्ति पर जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में अद्यतन अपने निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 46% धान की अधिप्राप्ति कर ली गई है। जिलाधिकारी द्वारा तय समय सीमा में निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लिया जाए।
उक्त बैठक में समीर कुमार महासेठ, सदस्य, बिहार विधान सभा, अरुण शंकर प्रसाद, सदस्य, बिहार विधान सभा, घनश्याम ठाकुर, सदस्य बिहार विधान परिषद के साथ साथ अन्य विधायकों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
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