स्वक्षता अभियान पर केन्द्र से लेकर राज्य सरकार के करोड़ों का बजट रहता है .केजरीवाल का झाड़ू लेकर भाजपा का पूरा मंत्रीमंडल या यू कहे पूरा भाजपा परिवार सड़कों पर नजर आता है साथ ही बिहार के मुखिया नीतीश कुमार भी सफायी अभियान से खासे प्रेरित है लेकिन इतने झाड़ू और सफाई अभियान चलने के बाद भी मधुबनी का कचरा कम होने का नाम नहीँ ले रहा है . शहर मे इतना कचरा बढ़ गया है की उन कचरों से तालाब भरने लगे है और भू माफियाओं का कारोबार मे कचरा सोना के भाव हो गया है ! मधुबनी का आधा दर्जन तालाब इस कचरा के बदौलत सोना बन चुका है . दरअसल कचरा से तालाब भरने के बाद उन तालाबों पर फर्जी कागजों के द्वारा भूमाफियाओं के आधिपत्य का खेल जोरों पर चल रहा है . और सबसे बड़ी बात यह है की इस कचरा के खेल मे प्रशासन का गहरी नींद तो टूटा है लेकिन ,फैसला तुगलकी लग रहा है !अब फैसला तुगलकी है तो सवाल उठना लाजमी है .हम बता दे की madhubanimedia.com ने तालाब के अतिक्रमण एवं कचरा युक्त तालाब की खबर को प्रमुखता से लिखा था जिसके बाद प्रशासन हरकत मे आयी है और कचरा से भरे हुए एक तालाब का सफायी का आदेश दिया है ! प्रशासन ने आदेश दिया है की दश मजदुर एवं दो ट्रेक्टर से चार दिनों में जितना सफाई हो पाए उतना ही तालाब को साफ़ करना है ! अब भला चार घंटे काम करने वाले सफाई मजदुर एक पूरा तालाब का कचरा को कहाँ साफ़ कर पाएंगे ! आपको बता दे की यह तालाब मधुबनी के विधायक समीर कुमार महसेठ के घर के सामने है ! लेकिन सवाल बड़ा है पूरा कचरा से भरे तालाब को आखिर दस मजदूर चार दिनो मे कैसे सफायी करेंगे जबकि यह तालाब पूर्णतया कचरा से भर चुका है .
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