कुख्यात लूटेरा कनकुचवा आठ साथियों के साथ धराया
- मधुबनी, दरभंगा, सुपौल सहित कई जिलों में कनकुचवा गिरोह का खौफ
-पुलिस ने विभिन्न जिलों से लूटे गये छह बाइक किये जब्त, जांच जारी
मधुबनी। राम शरण साह
कुख्यात लूटेरा कनकुचवा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कनकुचवा के आठ साथी को भी गिरफ्तार करने मे सफलता पाया है । सभी अपराधियों की गिरफ्तारी सुपौल, निर्मली एवं घोघरडीहा से हुई है। पुलिस ने अपराधियों के पास से लूट के छह बाइक बरामद किया है। हम बता दें की मधुबनी, दरभंगा, सुपौल सहित कई जिलों में कनकुचवा गिरोह के खौफ से लोग दहशत मे थे l कनकुचवा गिरोह की गिरफ्तारी मधुबनी पुलिस के लिये बड़ी सफलता मानी जा रही है। मधुबनी के कई थानों की पुलिस लंबे अरसे से कनकुचवा की तलाश में थी। जिले के विभिन्न थानों में उसके खिलाफ लूट और चोरी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस कप्तान दीपक वरनवाल ने बताया कि बुधवार शाम कनकुचवा उर्फ शमशाद के घोघरडीहा में होने की सूचना मिली थी जिसके बाद तत्काल ही फुलपरास डीएसपी उमेश्वर चौधरी के नेतृत्व में फुलपरास इंस्पेक्टर मदन प्रसाद, घोघरडीहा थानेदार रंजीत कुमार, खुटौना थानेदार एसएन सारंग, लौकही थानेदार रामचन्द्र चौपाल एवं लौकहा थानेदार रंजीत कुमार को मौके पर भेजा गया और कनकुचवा को वहीं गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से दरभंगा टावर से चुराई गई अपाची बाइक और घोघरडीहा से लूटा गया मोबाइल बरामद हुआ है !
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एसपी ने बताया कि कनकुचवा से पूछताछ के बाद निर्मली के गैरेज मिस्त्री मो. मुस्ताक को दबोचा गया। फिर एक-एक कर मो. फुरूदीन, प्रमोद कुमार साह, गोपाल राम, संजय यादव, भोला यादव, संजय साह एवं राजू साह को गिरफ्तार किया गया। कनकुचवा व उसके सात साथी सुपौल जिले के निर्मली एवं मरौना का रहने वाला है। जबकि फुरूदीन लौकही का रहने वाला है। एसपी ने बताया कि अपराधियों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। इससे कई कांडों का उद्भेदन होगा।
छह से दस हजार में बेच दी 150 बाइक
एसपी दीपक बरनवाल ने बताया कि कनकुचवा एवं उसके साथियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि गिरोह के सदस्य पिछले कई सालों से सक्रिय हैं। अब तक 150 से अधिक बाइक नेपाल में गिरोह के सदस्यों द्वारा बेचा गया है। सभी बाइक छह से दस हजार रुपये में बेची गई। एसपी ने बताया कि हाल के दिनों में गिरोह के सदस्य बाइक के पूर्जे काटकर बेचने का काम करता था। मुस्ताक के गैरेज में कई बाइकों के कटे पूर्जें भी मिले।
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