रात मे सरपंच और मुखिया ने विवाह कराया सुबह प्रखंड प्रमुख ने विवाह का करा दिया द एंड ! मुख्यमंत्री ने तो बाल विवाह रोकने के लिए अभियान चलाया है पर उनके सिपहसालार विवाह होने के बाद भी अपने सुविधा की राजनीति कर रहे है !
विवाह बना मजाक
दरअसल मामला खुटौना थाना क्षेत्र के दुर्गपटटी पंचायत का है ! प्रखंड के वार्ड नं ०12 के रहने वाले राम मंडल (कल्पनिक नाम) सविता कुमारी (काल्पनिक नाम ) से प्रेम करता था !दोनो की इस प्रेम कहानी को गाँव के सरपंच और मुखिया ने गम्भीरता से लेते हुए दोनो का विवाह करा दिया ! यह बात खुटौना प्रखंड प्रमुख आर एन मंडल को नागवार गुजरा और उसने अपने गुर्गों की मदद से सुबह दोनो ही नवविवाहित जोड़े को घर पर बुलाया और नीतीश कुमार के बाल विवाह योजना का हवाला देते हुए शादी को तुड़वा दिया और कहा शादी करना है तो सर्टिफिकेट लेकर आओ ! अब इस प्रमुख साहब को कौन समझाये जो काम ये शादी होने के बाद कर रहे है उन्हें शादी होने से पहले करना चाहिये !
अंतर्जातीय विवाह में सार्टिफिकेट जरुरी है
शादी होने के बाद सर्टिफिकेट की मांग लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है ! क्या दलित से शादी करना गुनाह है ?क्या दलित से शादी करने शादी के बाद सार्टिफिकेट जमा करना पड़ता है ? अब इस सवाल का जवाब मे प्रमुख ने बताया यह समाज का फैसला है ! यदि आप वालीग है तो सार्टिफिकेट दिखाइये और कोर्ट मे जाकर शादी कीजिए !जबकि लड़का ने आरोप लगाया की उसके साथ मारपीट किया गया है !और जबरन लड़की को लेकर वे लोग चले गये है !
सुबिधा की राजनीति
नीतीश कुमार के बाल विवाह के विरुद्ध अभियान सामाजिक तौर पर तो सही है पर राजनेता इसे कही सही तो कहीं गलत उपयोग कर रहे है ! सुबिधा की राजनीति करने वाले प्रखंड प्रमुख सीधे तौर पर महादलित और अतिपिछड़ा के इस विवाह को तो नहीं तोड़ सकते थे तो नीतीश जी का दुहाई देकर ही विवाह के बंधन को तोड़ डाला अब सत्ता के खौफ के आगे यह नवालिक दंपत्ति कहाँ गुहार लगाए यह उन्हें पता नहीं है !
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