काठमांडू बस दुर्घटना में मरे मधुबनी के माँ बेटा का शव आज सुबह जैसे ही गांव पहुंचा वैसे ही लोगो का हुजूम मृतक को देखने के लिए उमर पड़ा ! हर किसी के चेहरे पर मायूसी था !हर किसी के जहन में उनकी यादें ताजा थी ! बस एक दिन पहले ही तो गए थे ये लोग ! इनका छोटा सा परिवार था दो बेटा एक बेटी और पति पत्नी ! सभी छठ मनाने के लिए राजनगर ,बरहारा अपने गांव आये हुए थे और छठ समाप्त होने पर वापस काम पर लौट रहे थे लेकिन इस परिवार के दो सदश्यों के लिए यह यात्रा अंतिम यात्रा बन गया !परिवार का मुखिया मनोज ठाकुर काठमांडू में कारपेंटर का काम करता है ! बच्चे सब भी वही पढ़ते थे ! लेकिन सब बिखर गए ! बेटी का क्रंदन बेटा का माँ को ढूंढना सबको ढाढ़स बंधाते खुद मनोज का आंशु नहीं रुक रहे है ! एक ही चिता पर माँ बेटा का शव ह्रदय को झकझोर कर रख दिया ! शव को उठता देखकर नन्ही सी बच्ची रोते हुए पिता के पास पहुंची पापा ये लोग माँ को कहाँ ले जा रहे है ! पर पिता के पास शिवा आंसुओ का कोई जवाव नहीं था ! हर तरफ आह और मातम ! हर किसी के मुँह से निकल रहा था हे भगवान ये तूने क्या किया ? बस में माँ और बड़ा बेटा एकसाथ बैठे हुए थे बाकी दो बच्चे अपने पिता के पास थे जिन्हे पिता ने सुरक्षित निकाल लिया लेकिन बड़े बेटे और पत्नी को बचाने में नाकाम रहा ! पत्नी और बच्चे को जीवित नहीं बचा पाने का अफसोस के साथ मनोज ठाकुर ने बताया की बस काफी तेज गति में था और सुबह करीब पांच बजे अचानक पचास फिट गहरे नदी में गिर गया ! नदी में पानी काफी अधिक था और बस पूरी तरह डूब गया ! मेरे परिवार के पांच लोग बस में सफर कर रहे थे जिसमे से तीन व्यक्ति किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे ! बस में साठ पैंसठ सवारी मौजूद थे जिसमे तिस का मौत हो गया ! हम बता दे की काठमांडू पहुंचने से पहले बस त्रिसूला नदी में गिर गयी जिसमे ग्यारह बच्चा समेत इकतीस लोगो का मौत हो गया है !
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