बिन्देश्वर चौधरी : प्रदेश मुखिया संघ के आह्वान पर 6 जुलाई को आहूत चक्का जाम को लेकर मुखिया महासंघ ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अंधराठाढ़ी प्रखंड मुखिया महासंघ के अध्यक्ष अरबिन्द चौधरी ने कहा ये हमारी अस्मिता सम्मान और अधिकार की लड़ाई है. महासंघ बिहार सरकार द्वारा जबरदस्ती पंचायती राज एक्ट 2006 में संसोधन और नया एक्ट-2017 लाने के विरोध में एक स्वर में इसका विरोध करेंगे. आगे उन्होंने कहा की माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व्यक्तिगत मुद्दा बनाकर मुखियाओं के खिलाफ ये कदम उठाया है. आखिर बिहार सरकार को ऐसी क्या जरुरत हुई की 12 साल पुराने एक्ट में संसोधन कर नया एक्ट-2017 का नया नियम लाना पड़ा. मुखिया महेंद्र राय ने कहा कि अब ये लड़ाई मुखिया और मुख्यमंत्री के आर-पार की लड़ाई बन चुकी है. सचिव राजेश कुमार मिश्र ने कहा कि अगर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं तो मुखिया भी अपने पंचायत का मुख्यमंत्री होता है.
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वहीं इस बाबत मधुबनी मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष कृपानंद आजाद ने कहा है कि, राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज अधिनियम में बदलाव पंचायत प्रतिनिधि का अपमान है. जिसके विरोध में पूरे प्रदेश के मुखिया एकजुट होकर राज्य सरकार के विरुद्ध सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष के लिए तैयार हैं. श्री आजाद सभी प्रखंड अध्यक्ष, प्रभारी और जिला के सभी को प्रस्तावित चक्का जाम में भाग लेने की अपील की है.
सभी मुखिया ने एकस्वर में कहा कि जब तक केन्द्र सरकार का कोई नया आदेश नही आ जाता तब तक पंचायत की राशि कहीं किसी विभाग में हस्तांतरित नही की जायेगी और ना हीं बिहार सरकार द्वारा लायी गई किसी योजना में खर्च कि जायेगी.
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