देर शाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. आज लगभग 20 महीने बाद बिहार में वर्ष 2015 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए महागठबंधन का सफर करीब थम सा गया है. महागठबंधन के घटक दल राजद के साथ तालमेल में गड़बड़ी से तंग आकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात की और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. जिसके बाद सियासी हलकों में विभिन्न तरह के कयासों का दौर जारी है. नीतीश कुमार मीडिया के सामने आकर अपनी सारी बातों को सामने रखते हुए कहा कि जिस तरह की स्थिति बन चुकी थी ऐसे में अपने नेतृत्व में सरकार चलाना संभव नही था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अंतरात्मा की आवाज पर निर्णय लिया है. वहीं लालू यादव ने इस गहमागहमी के बीच नीतीश कुमार पर भादवि 302 हत्या का प्रयास व आर्म्स एक्ट में आरोपी होने का आरोप लगाया है. महागठबंधन के प्रमुख घटक दल के नेताओं के ऐसे बयान से कहीं ना कहीं अब महागठबंधन को बचाने की गुंजाइश लगभग में खत्म हो चुकी है. अब ऐसे में देखना यह होगा की बिहार की ताजा सियासी हालात में किस तरह के नए समीकरण सामने आते है. वहीं ताजा जानकारी के अनुसार नीतीश जदयू भाजपा विधायक दल के नेता चुने गये है. राज्यपाल को सरकार बनाने दावा सौंपा गया है. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार कल शपथ ले सकते हैं.
उधर मधुबनी मीडिया की टीम ने बिहार में सियासी उठापटक के बीच महागठबंधन के तीनों घटक दल के नेताओं से बात की जिसमें बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक भावना झा ने नीतीश कुमार के इस्तीफे पर कहा कि नीतीश कुमार को एक बार फिर से विचार करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को नही बल्कि महागठबंधन को वोट दिया था. बिहार की जनता नरेंद्र मोदी के विरोध में वोट किया था. जब बिहार की जनता के डीएनए पर सवाल उठाया गया था. नीतीश कुमार का यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया प्रतीत होता है. नीतीश कुमार को एक बार ओर विचार करना चाहिए ताकि महागठबंधन बनी रहे.
वहीं लौकहा विधानसभा से जदयू के विधायक लक्ष्मेश्वर राय ने कहा है कि इस्तीफे का निर्णय लेना हमारेे लिए मजबूरी हो गयी थी. हमारे पास विकल्प की कमी थी इसी लिए यह निर्णय लिया गया है. हालांकि महागठबंधन अभी खत्म नही हुआ है लेकिन कोई इसकी कोई खास औपचारिकता भी बांकी नही रह गयी है.
झंझारपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बिरेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने सही समय पर इस्तीफा दिया है. इसके लिए उन्हें कोटि कोटि धन्यवाद. बिहार में पिछले 6-7 महीने से गुंडाराज चरम पर था, जिससे सरकार अस्थिर नजर आ रही थी. नीतीश कुमार बिहार में सरकार बनायें, बीजेपी बाहर से समर्थन के लिए तैयार है. इससे पहले भी बिहार में एनडीए की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में रही है. में बीजेपी आलाकमान से अपील करूँगा की बीजेपी नीतीश कुमार को बाहर से समर्थन देकर सरकार बनाने में मदद करें.
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