तिहरा हत्याकांड में सात साल बाद आया फैसला


मधुबनी  : सात वर्ष पहले 2010 में मधुबनी जिले के बहुचर्चित तिहरे हत्याकांड के सभी 7 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. 

मामला जयनगर थाना क्षेत्र के बेला गांव का है जहां करीब सात वर्ष पहले 2010 में आपसी रंजिश के कारण झाडू देने के बाद गंदगी दरवाजा पर फेंकने को लेकर हुए झगड़े में शफीउल्लाह अंसारी, जिया उल्लाह अंसारी एवं अजीमुल्लाह अंसारी की हत्या कर दी गई थी. दिनांक 14 नवंबर 2010 के सुबह आरोपी नईमा खातून सूचक के दरवाजा पर बहारन और गंदा फेंक दिया था. इसी बात को सुबह में दोनों पक्षों के बीच गाली गलौज हुआ था. कुछ ग्रामीणों द्वारा बीच बचाव के बाद झगड़ा को छोड़ा दिया गया. लेकिन, पूर्व से भूमि विवाद को लेकर रंजिश से डेढ़ बजे रात्रि में आरोपियों ने सूचक महिला कमर जहां बेगम के घर में घुस कर उसके बेटे अजीमुल्लाह अंसारी को पहले गोली मार दी. इसे देखकर महिला के पति सफीउल्लाह अंसारी जब अमीनानुल्लाह के पास पहुंचे तो उसे भी आरोपियों ने गाेली मार. वहीं दूसरे कमरे में बंद महिला के के दूसरे पुत्र जियाउल्लाह को भी कमरा का दरवाजा तोड़कर उसे भी गोली मार दी थी. जिससे तत्काल कमर जहां बेगम के पति सफीउल्लाह अंसारी तथा दोनों पुत्रों अजीमुल्लाह एवं जिया उल्लाह अंसारी की मौत हो गयी थी.

ट्रिपल हत्याकांड के मामले में त्वरित न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह ने विचारण करते हुए आरोपी नइमा खातून सहित सात को दफा 302 भादवि में दोषी पाया. न्यायालय ने दोनों पक्षों के बहस सुनने के बाद जयनगर थाना क्षेत्र के बेला निवासी आरोपी नइमा खातून, मो. अयुब, मो. जैनुल, मो. ऐनुलहक, मो. सज्जाद, मो. समसाद एवं मो. नईम को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आज उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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वहीं सुनवाई के दौरान अन्य कांड के अन्य अभियुक्त मो. फजलुल्लाह, मो. अख्तर दर्जी, सकीना खातून, मो. अब्बास, मो. गुलबहार, मो. इलियास को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. मामले की जांच स्पीडी ट्रायल के तहत चल रही थी.

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