मधुबनी जिले के बहुचर्चित नैंसी हत्याकांड ने नया मोड़ ले लिया है. विगत 25 मई को मधुबनी जिले के अन्धरामठ अनुमंडल के महादेवमठ गांव में 12 साल की नैंसी का अपहरण करने की प्राथमिकी अन्धरामठ थाने में दर्ज कराई गई थी. जिसके दो दिन बाद 27 मई को घर से एक किलोमीटर की दूरी पर तिलयुगा नदी से नैंसी का क्षत-विक्षत लाश बरामद हुआ था.
जिसके बाद सोशल मीडिया में विभिन्न सामाजिक संगठनों के समर्थित #Justice4nancy कैम्पेन ने ऐसा रंग लिया की नेशनल मीडिया से लेकर बिहार ओर दिल्ली तक के नेताओं में सरगर्मी बढ़ गयी. घटना के बाद परिजनों ने प्रशासन पर यह आरोप लगाया कि पूछताछ के नाम पर परिवार वालों को परेशान किया जा रहा है. साथ ही उनके साथ मार पीट करने का भी आरोप लगाया गया. साथ ही परिजनों ने नैंसी की हत्या का आरोप गांव के ही लालू झा व पवन झा पर लगाया था.
परिजनों द्वारा पूछताछ के नाम पर प्रशासन पर ज्यादती करने के आरोप व सामाजिक संगठनों के दवाब के बीच दरभंगा प्रक्षेत्र के डीआईजी विनोद कुमार ने कमान संभालते हुए त्वरित कार्रवाई कर अन्धरामठ के एसआई राजीव कुमार को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया. वहीं डीआईजी के आदेश पर एसआईटी गठित कर मामले की जांच करने की बात कही गई. एसआईटी में झंझारपुर की एसएसपी निधि रानी, मधुबनी महिला थाना प्रभारी कंचन कुमारी सहित अन्य योग्य पुलिसकर्मियों को रखा गया.
एसआईटी ने बखूबी अपना काम निभाते हुए घटना के 12 दिन बाद आज बुधवार को अपना पहला रिपोर्ट एसपी के समक्ष सौंप दिया है. इस प्रकरण में एसआईटी का नेतृत्व कर रही एएसपी निधि रानी व मधुबनी एसपी दीपक बर्णवाल ने संयुक्त प्रेस वार्ता में एसआईटी की जांच के संदर्भ में आये कई अहम तथ्यों का खुलासा किया.
एसआईटी की जांच रिपोर्ट में नैंसी के चचेरे चाचा राघवेन्द्र झा व पंकज झा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आपको बता दें कि राघवेन्द्र झा नैंसी की बुआ रानी (काल्पनिक नाम) का चचेरा भाई है जबकि पंकज झा रानी का अपना भाई है. प्रेस वार्ता के दौरान एएसपी निधि रानी ने बताया कि जिस तरह से इस प्रकरण के मुख्य गवाह राघवेन्द्र झा व पंकज झा ने बताया था कि 25 मई को शाम में उन दोनों ने गांव के लालू झा व पवन झा को एक अज्ञात वयक्ति द्वारा नैंसी के अपहरण करने के बाद आम के पेड़ के पास देखा था. लेकिन घटना का जो समय दोनों गवाहों ने बताया है उस समय लालू झा की वीडियो फुटेज स्थानीय पेट्रोल पंप से मिली है. जहां लालू झा पेट्रोल पंप कर्मी के रूप में काम करता है. साथ ही राघवेन्द्र झा ने पुलिस व मीडिया को यह बताया था कि राघवेन्द्र व पंकज दोनों ने लालू झा व पवन झा को घटना के समय उस रास्ते मे देखा था. वहीं एसआईटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि राघवेन्द्र व पंकज के बयानों में काफी अंतर है.
वहीं यह भी बताया गया है कि 25 तारीख के शाम में नैंसी अपने 3 साथियों के साथ अपनी बुआ रानी (काल्पनिक नाम) के घर गयी थी. लेकिन कुछ ही देर बाद नैंसी के अलावे 2 अन्य बच्चों को रानी की माँ ने घर से जाने के लिए कह दिया. वहीं हिमांशु नाम का एक बच्चा जो कि नैंसी का कजिन है ओर नैंसी का सबसे करीबी भाई बताया जा रहा है. वह रानी के मां के कहने के वाबजूद भी रानी के घर मे ही रुका रह गया. कुछ देर बाद हिमांशु को टॉर्च दिखाने के बहाने से राघवेन्द्र झा दूसरे घर में ले गया. जहां इन्वर्टर ठीक करने बहाने हिमांशु को लगभग 15 मिनट तक दूसरे कमरे में व्यस्त रखा गया. हिमांशु के बयान के अनुसार जब वह राघवेन्द्र के कहने पर रानी के रूम से दूसरे रूम में गया तब तक नैंसी व रानी उसी कमरे में एक पलंग पर थी.
जब हिमांशु 15 मिनट बाद उस कमरे में लौटा जहां नैंसी ओर पूजा पलंग पर बैठी थी, तो वहां से नैंसी गायब थी. रानी के मां से नैंसी के बारे में जब हिमांशु ने पूछा तो रानी ने मां ने यह बताया कि नैंसी चली गई.
वहीं रानी के घर के एक परिजन का यह भी बयान आया है कि नैंसी रानी के घर से सबसे पहले निकली, उसके पीछे पीछे बांकी तीनों बच्चे निकले. जबकि हिमांशु सहित बांकी 2 बच्चों ने इस बात को झूठ बताया है. सभी ने यह बताया कि अंतिम बार नैंसी को रानी के साथ एक कमरे में एक पलँग पर देखा गया है. उसके बाद आगे की जानकारी उन्हें नहीं है.
साथ ही सूत्रों से यह जानकारी मिली है की नैंसी की बुआ रानी अपनी शादी रुकवाना चाह रही थी. जिसके लिए उसने खुद व कई लोगों से अपने होने वाले पति को कॉल करवाया था कि वह रानी से शादी ना करें.
प्रेस वार्ता के दौरान एएसपी निधि रानी व मधुबनी के एसपी दीपक बर्णवाल ने बताया कि आगे कई और परिजनों से पूछताछ किया जाएगा. कई और अहम बातें है जो इस कांड का उद्धभेदन करेंगी. साथ ही उन्होंने बताया कि परिजनों से अभी भी अपेक्षित सहयोग नही मिल पा रहा है. अगर परिजन मदद करेंगे तो जल्द-जल्द इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को गिरफ्त में ले लिया जाएगा.
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