आप्त सचिव की बेटी का दहेज़ के लिए हत्या की आशंका


-एसपी ने तत्काल पुलिस को दिये कारवाई का आदेश
-घटना की जांच में जुटी अंधराठाढ़ी व नगर थाना पुलिस
-ससुरवालवालों पर दहेज के लिये हत्या करने का लगाया गया है आरोप
-आरोपित पति एसबीआई जयनगर में बैक पीओ है जबकि ससुर दरभंगा में पुलिस कर्मी के रूप में तैनात है 

मधुबनी। राम शरण साह 

मधुबनी पुलिस अधीक्षक दीपक वरनवाल को विधान परिषद में आप्त सचिव कर्णपुर निवासी रमण कुमार झा ने आबेदन देकर बेटी का हत्या का आरोप लगाया है ,उन्होंने अपने लिखित आबेदन में बताया है की चारपहिया वाहन के लिए मेरी पुत्री का हत्या कर दी गई है । रमण कुमार झा ने एसपी को बताया कि फरवरी 2016 में बेटी आरती की शादी अंधराठाढ़ी थाना के देवहार निवासी ब्रजेश झा से हुई थी। वह जयनगर एसबीआई में पीओ के पद पर कार्यरत हैं। घटना दो दिसम्बर के रात की बतायी जा रही है । पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद अंधराठाढ़ी और नगर थाना की पुलिस मामले की छानबीन शुरू कर दिया है। 

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ब्रजेश के पिता कृपानंद झा दरभंगा में पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। रमण कुमार झा ने बताया शादी के बाद से ही पति, सास, ससुर व घर के अन्य लोग आरती से दहेज में चारपहिया वाहन की मांग करने लगे। मांग पूरी नहीं होने पर ससुरालवाले उसे मारपीट भी करते थे। आरती शहर में टाउन क्लब स्थित ससुर के आवास में रह रही थीं। बीते 02 दिसंबर को आरती ने फोन पर मां को तुरंत ले जाने की बात भी कही थी।साथ ही वह ससुराल वालों के द्धारा हत्या किये जाने की आशंका भी जतायी थी। रमण कुमार ने एसपी को बताया कि अगले दिन सुबह जब वह टाउन क्लब पहुंचे तो लोगों ने बताया कि आरती की हत्या कर दी गई है और शव को लेकर गांव चले गये है ! फिर वे आरती के ससुराल देवहार गांव पहुंचे जहा आंगन में आरती का शव पड़ा था। आरती के ससुरालवालों ने उन्हें एक कमरे में बंधक बना लिया और शव को जला दिया ! लेकिन सवाल बड़ा है आखिर हत्या के छह दिनों तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया ? और यदि छह दिनों तक रमन कुमार झा का अपहरण किया गया था तो उनके परिजन ने उनका अपहरण का मामला दर्ज क्यों नहीं किया ?

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