सरकार स्वक्षता अभियान पर होने वाले खर्च का एक चौथाई खर्च छठ पर कर दे तो नेताओं का काफी समय बच जाएगा


मिथिलांचल में छठ को लेकर आम लोगों में काफी उत्साह रहता है ! और इस उत्साह का छठ के साथ पुराना संबंध है ! कहते है सबसे पहले रामायण काल में भगवान श्री राम ने छठ का व्रत कर पूजा अर्चना किया था !षष्टी के दिन मनाया जाने वाले इस पर्व की शुरुआत राम को राज्य मिलने के बाद माता सीता और श्री राम ने भगवान भास्कर का उपवास कर पूजा अर्चना के साथ किया था ! 


सुख और सम्बृद्धि के लिए छठ का पूजा किया जाता है ! महाभारत में भी छठ का चर्चा है ! जब पांडवो ने अपना राज्य एवं संपत्ति जुए में हार गए थे तो श्री कृष्ण ने द्रोपदी को सूर्य उपासना के लिए कहा था और द्रोपदी ने भगवान भास्कर का उपवास एवं पूजा किया था ! बिहार के जितने भी त्यौहार है उनमे छठ सबसे कठिन और स्वक्ष त्यौहार है ! पंकज शास्त्री ने बताया की यह त्यौहार सुख संबृद्धि के लिए मनाया जाता है ! और इस व्रत को सबसे पहले भगवान राम ने राज्य मिलने के उपलक्ष्य में किया था !

व्रती को छत्तीस घंटा से अधिक देर तक उपवास करना पड़ता है और ढलते सूर्य के अर्घ के साथ सुरु हुआ पूजा उगते सूर्य के अर्घ के साथ समाप्त होता है ! चार दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में घर ,सड़क तालाब के घाटों का सफाई किया जाता है और बिना किसी पंडित के सबसे बड़ा पर्व को निष्ठा के मनाया जाता है ! इस बार मंहगाई के कारण आम लोगों के लिए छठ पर्व को मनाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है ! रिटायर कर्मचारी भी कहते है ऐसा मंहगाई कभी नहीं देखा था ! सब्जी के दाम आसमान छू रहे है !

सुख और सम्बृद्धि का यह त्यौहार स्वक्षता के दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है ! इस त्यौहार में घर के साफ़ सफाई के अलावे सड़क तालाब और आसपास के क्षेत्रों को भी स्वक्ष्य किया जाता है ! लेकिन सरकार जितना पैसा स्वक्षता के प्रचार प्रसार पर खर्च करता है उतना यदि इस त्यौहार पर खर्च करे तो शायद स्वक्षता अभियान के लिए नेताओं को झाड़ू के साथ फोटो सेशन नहीं करना पडेगा और उनका बहुमूल्य समय बचेगा !

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