मधुबनी पुलिस अब पेलेट गन से पत्थरबाजों व दंगाइयों से निपटेगी. यह बन्दुक से एक साथ 80 रबर की गोली या सैकड़ो छोटे छोटे छर्रे एक साथ चल सकती है. ये नॉन लीथल हथियार है यानी गैर जानलेवा हथियार है जो की अपने टारगेट को निशाना बना कर गोली चला सकती है. लेकिन इसके गोली से आदमी तो जान का कोई नुकसान नहीं होगा. इसका उपयोग का मुख्य उद्देश्य गलत फायरिंग में आम लोग के गोली का शिकार होने से बचाना है. वहीं दंगाइयों व पत्थरबाजों को घायल करके गिरफ्तार करना है. इस गन को 2010 से जम्मू कश्मीर में दंगाइयों से निपटने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. मधुबनी एसपी दीपक बरनवाल ने बताया की हमलोगो को यह पेलेट गन उपलब्ध कराया गया है. आगे निकट भविष्य में कहीं बड़ी हिंसात्मक घटना ना हो इसके लिए पेलेट गन का उपयोग किया जायेगा. इससे मिनिमम बल का प्रयोग कर दंगे का नियंत्रण किया जा सकता है.
पेलेट गन से निकले प्लास्टिक की गोली और छर्रे शरीर में जहां लगते हैं शरीर के उस हिस्से में काफी चोट लगती है. अगर यह आँख में लग जाए तो काफी घातक होता है. मधुबनी एसपी दीपक बरनवाल ने बताया की यह उपद्रवियों से निपटने के लिए अच्छा हथियार है इससे किसी का जान नहीं जा सकता है लेकिन घायल जरूर कर देगा और इससे उपद्रवियों का हड्डी तक टूट सकती है.
इस गन का प्रयोग सामने से नहीं करना चाहिए पर पुलिस या सेना का मुकाबला हमेसा सामने से ही होता है. कभी कभी स्थिति इतनी भयावह हो जाती है की पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ता है. ऐसे स्थितियों से निपटने के लिए यह गन का उपयोग किया जायेगा. जो की लोगो को सिर्फ घायल करेगी, जिससे पुलिस पर पथराव करने वालो की मौत नहीं होगी और ना ही मौत पर राजनीती होगी.
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