स्वक्ष्ता अभियान तो ठिक है पड़ अंधविश्वास का क्या करे

न्यूज़ डेस्क 
प्रधान मन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छ भारत की ओर एक सराहनीय क़दम है , इस में कोई शक नहीँ ।आम लोगों , नेताओं और अभिनेताओं का इस क्षेत्र में उत्साह प्रशंसनीय है ।मगर अन्ध विश्वास का क्या किया जा सकता है ।कहते हैं करेला ऊपर से नीम चढ़ा , अगर पढ़े लिखे लोग भी अन्ध विश्वास में पड़ जायें तो फ़िर उन्हें समझना तो और अधिक मुश्किल हो जाता है ।अब बिहार के नवादा जिले के गाँव गाजीपुर का मिसाल लिजिए ।यह एक भरा पूरा गाँव है जिसके अधिकाँश घरों में आप को सुख सुविधा के सारे सामान जैसे फ्रिज , कार , टी वी इत्यादि मिल जायेंगे ।अगर कूछ नहीँ मिलेगा तो वो है शौचालय ।जी हाँ , आप को यह जान कर आश्चर्य होगा  कि इस धनी गाँव में किसी के घर में शौचालय नहीँ है । इस का कारण यह अन्ध विश्वास है कि यदि किसी ने आपने घर में शौचालय का निर्माण किया तो उस के घर में अनहोनी घटित होगी ।सूत्रों के अनुसार इस अन्ध विश्वास के जड़ में आज से 30 वर्ष पहले घटी एक घटना है ।किसी ने जब अपने घर में शौचालय का निर्माण शुरू किया तो निर्माण के दौरान उसके दो बेटों की मौत हो गयी ।बस उसी दिन से इस अन्ध विश्वास ने ऐसा जोर पकड़ा कि आज तक किसी ने भी शौचालय निर्माण  करने का साहस नहीँ किया ।अब तो इस गाँव को इंतजार है किसी ऐसे साहसी मनुष्य का जो आगे बढ़ कर शौचालय का निर्माण करे और लोगों के मन के इस डर को समाप्त करे ।जिससे लोगों को इस अन्ध विश्वास से मुक्ति मिले । 

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