बंध्याकरण के बाद बच्चे ने लिया जन्म तो सरकार के खिलाफ दायर किया परिवाद


बिन्देश्वर चौधरी : मधुबनी जिले के अंधराठाढी प्रखंड के अंधरागोठ गांव की महादलित महिला अर्चना देवी पति शेखर राम ने लोक शिकायत निवारण में एक मामला दर्ज करवाया है. परिवादी महिला का शिकायत है कि बंध्याकरण ऑपरेशन के बाबजूद दो साल बाद वह एक बच्ची को  जन्म दी है. महिला का मांग है कि बंध्याकरण ओपरेशन के बाद जन्म ली हुई बच्ची के लालन पालन व पढ़ाई का जिम्मा सरकार ले.

बताते चले की अर्चना देवी पहले से तीन बच्चो की मां है. उसने  स्थानीय रेफरल अस्पताल में 25 जुलाई 2013 को बंध्याकरण ऑपरेशन करवाया था. ऑपरेशन के दो साल बाद उसने 13 मई  2015 को महिला ने उसी रेफरल अस्पताल में फिर से एक बच्ची को जन्म दिया. अर्चना देवी का मानना है कि आपरेशन सही ढंग से हुआ होता तो वह गर्भधारण नही करती. बच्ची के  जन्म के बाद वह कई बार अस्पताल प्रशासन  से मिल चुकी है. उनका आरोप है की अस्पताल प्रशासन इसे  प्रकृति की करिश्मा बताते हुए अब तक टाल मटोल करता रहा है. सरकारी प्रावधान के तहत ओपरेशन के बाद होने बाले बच्चे के परवरिश पढ़ाई लिखाई शादी विवाह अदि की जबाब देही सरकार पर होती है.

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इस बाबत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा ने बताया कि इस तरह के मामले में पीडिता को क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान  है. शिकायत आने पर जांच की जाती है, मामला सही साबित होने पर विभाग और सरकार को अनुशंसित प्रतिवेदन भेजा जाता है. हालांकि पीड़ित महिला के अनुसार अभी तक शिकायत पर संज्ञान नही लिया गया है. फिलहाल बंध्याकरण के बाद बच्चा जनने पर महिला के द्वारा सरकार के विरुद्ध दायर परिवाद इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. 

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