मुख्यमंत्री जी के स्वागत में कुछ ऐसा भी बना है जो ग्रामीणों का दवा के वजाय दर्द बनकर रह गया

मुख्यमंत्री जी के मधुबनी आगमन की तैयारी में प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ा सड़को पर रेड और ग्रीन कारपेट बिछा दिया गया लेकिन इस कारपेट की हकीकत कुछ और थी ! मुख्यमंत्री जी आये और चले गए लेकिन उनके आने और जाने के बिच कई प्रशासनिक कार्यो को ग्रामीण हमेशा याद रखेंगे ! उन कार्यो में कुछ अच्छे भी थे तो कुछ बुरे है ! अच्छाई तो लोग यु भी जल्द ही भूल जाते है इसलिए जो बुरे कार्य है उसे तो निश्चित तौर पर अधिक दिनों तक याद किये जाएंगे ! खासकर वह ग्रामीण जिसके साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों ने जबरदस्ती से काम लिया है वह तो इस यात्रा को कभी नहीं भूलेंगे ! दरअसल मुख्यमंत्री जी के गांव में आने की बाते सुनकर अधिकारियों ने कुछ सड़को को रातों-रात पक्की ढलाई करवा दिया ! कच्ची सड़क पक्की तो बन गयी लेकिन इतना कमजोर बना की मुख्यमंत्री के आने से पहले ही टूटने लगी थी और यही कारण था की उन कच्चे सड़को को लाल और हरा कालीन से ढक दिया गया था ! प्रशासनिक दबंगता की बाते तो यह थी की सड़क बनाने के लिए जमीन मालिक से किसी प्रकार का स्वीकृति नहीं लिया गया एवं मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना नाला निर्माण भी कराये बगैर रात के अँधेरे में सड़क निर्माण करा दिया गया है ! और तो और सोख्ता भी किसी अन्य व्यक्ति के जमीन में बनाया गया जो बिना नाला कनेक्शन का बेकार है ! स्थानीय महिला ने बतया हमलोगो के घर में नल लगा दिया गया और रातों रात सड़क बना दिया गया लेकिन नाला नहीं बनाया गया ! अब घर के पानी का निकासी का समस्या बन गया है ! वहीं जमीन मालिक नित्यानंद झा ने बताया की मेरे निजी जमीन में जबरन सड़क बना लिया गया है ! वे तो दस फिट तक सड़क बना रहे थे लेकिन जब हमने काफी विरोध किया तो कुछ कम करके सड़क निर्माण कराया गया है ! इस सड़क बनाने के लिए मुझसे किसी ने इजाजत नहीं लिया गया है !

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