तालाब का अस्तित्व खतरे में ,शहर के कई तालाबों पर जमीन के सौदागरों ने जमाया कब्जा

एक समय था जब तालाब का जिक्र आते ही लोगो के आँखो के सामने मछली और मल्लाहो के चेहरे नाचने लगाते थे ,लेकिन अब वह दिन दुर हो गये अब तालाब का जिक्र होते ही नजरे जमीन के सौदागर के तरफ उठ जाता है !मधुबनी में इनदिनों प्रोप्रटी डीलर का आतंक फैला हुआ है ! हर जमीन पर डीलरों की नजरें जमीं हुई है ! चाहे वह किसी ट्रस्ट की हो चाहे दरभंगा राजघरानों का और तो और ये डीलर निजी जमीनो पर भी अड़ंगे खड़े करते रहते है ! ताजूब इस बात का है की यह सारा खेल प्रशासन के नाक के निचे चल रहा है !

डीलर किसी तरह से जमीन के कागजात बना कर तालाबों ,राजघरानाओ की जमीन एवं मौखिक रूप से दान पर बने सरकारी कार्यालयों पर अपना दावा करते है और प्रशासन के मदत से उन जगहों पर कब्जा कर रहे है !ऐसा ही एक मामला मधुबनी शहर के गिलेसन बाजार के एक तालाब का है ! यह तालाब मधुबनी विधायक समीर कुमार महासेठ के आवास के ठीक सामने है ! लेकिन यह तालाब कम और कचरा का ढेर अधिक दिखता है !तालाब शहर के मलबों और गंदगी से लगभग भर चुका है ! समाजसेवी मुकेश पँजियार ने बताया की हमने जब से जन्म लिया है तब से इस तालाब को देख रहे है ! इसमें सब्जी बिक्रेता सब्जी धोते थे ! तालाब के भरने की वजह से हमलोगों का पानी का लेयर कम होने लगा है !

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तालाब की गंदगी को स्थानीय लोग साफ़ करने का प्रयास भी किये लेकिन सफल नहीं हुए ! कारण डीलर मारपीट पर उतारू हो गए और प्रशासन ने काम रोक दिया ! यह नजारा सिर्फ इस तालाब का नहीं है बल्कि शहर के दर्जनों तालाब का है जिसे डीलर मिट्टी भरकर जमीन को ऊँचे दामों में बेच रहे है ! ऐसा ही दुसरा तालाब है मधुबनी के स्टेशन रोड स्थित यह तालाब को डीलरों ने बाउंड्रीवाल से घेर लिया ! इस तालाब से सरकार को लाखों रूपये का राजस्व मिलता था जो अब बंद हो चुका है ! स्थानीय मछुआरों ने उस वक्त अतिक्रमण का विरोध भी किया था लेकिन प्रशासन ने उनके बातों को नहीं सूना और डीलर ने उस जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया ! पूर्व नगर परिषद् के चेयरमेन विजय चौधरी ने बताया की हम जब नगर परिषद के अध्यक्ष थे तो इस तालाब के कागजात को रहिका सीओ से जांच करवाया था जिसमे साफ़ साफ़ लिखा है यह तालाब है लेकिन अब भू माफिया कब्जा ज़माना चाहते है !मधुबनी अनुमंडल पदाधिकारी सुमन कुमार सिंह ने बताया की तालाब किसी का भी हो वह सार्वजनिक होता है और इसे संरक्षित किया जाएगा ! विवादित तालाब पर हमने धारा 144 लगा दिया है अब मामले का निपटारा कोर्ट से होगा !

यु तो जमीन जायदाद के बात आते ही पुलिस अपने को मामले से किनारा कर लेती है लेकिन जब जमीन पर प्रॉपर्टी डीलर दावा करते है तो प्रशासन लॉ एन्ड ऑडर का बहाना बना कर हस्तछेप करने लगती है ! मामला वही अटक कर रह जाता है और जनता अपने अपने घर लौट जाती है क्योकि सरकार का अंचल सिस्टम काम के वजाय बहानों में व्यस्त रहता है और धीरे धीरे डीलर अपना कब्जा जमा लेता है !

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