न्यूज़ डेस्क पटना
*रोते बिलखते रहे परीक्षार्थी, नहीं पसीजा दिल*
*मधुबनी* चंद मिनटों ने कई परीक्षार्थियों का एक साल बर्बाद कर दिया। चंद मिनटों की देरी ने कई परीक्षार्थियों का एक साल लील लिया। सख्त निर्देश के कारण रोते बिलखते परीक्षार्थियों को देख कर भी परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार पर तैनात पदाधिकारी व कर्मियों का दिल नहीं पसीजा। चंद मिनटों की देरी क्या हुई परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इससे इन परीक्षार्थियों का एक साल बर्बाद हो गया। इंटरमीडिएट की परीक्षा एक फरवरी से शुरू हो गई है। यह परीक्षा 12 फरवरी तक ली जाएगी। इस परीक्षा के लिए मधुबनी जिले में कुल 53 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इस जिले में इंटरमीडिएट के कुल परीक्षार्थियों की संख्या 47,772 है। इसमें 23,666 छात्र और 24,106 छात्रा शामिल हैं। कला संकाय के परीक्षार्थियों की कुल संख्या 29,555 है। इसमें 10,285 छात्र और 19,270 छात्रा शामिल हैं। वाणिज्य संकाय के परीक्षार्थियों की कुल संख्या 5,115 है। इसमें 4,001छात्र और 1,114 छात्रा शामिल हैं। विज्ञान संकाय के परीक्षार्थियों की संख्या 13,102 है। इसमें 9,380 छात्र और 3,722 छात्रा शामिल है। पहले दिन प्रथम पाली में विज्ञान संकाय के परीक्षार्थियों की जीव विज्ञान और दूसरी पाली में वाणिज्य संकाय के परीक्षार्थियों की अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा ली गई। प्रथम पाली की परीक्षा 9.30 बजे सुबह से और द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से प्रारंभ हुई। प्रथम पाली के परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में 9.00 बजे सुबह तक और द्वितीय पाली के परीक्षार्थियों को दोपहर 1.30 बजे तक ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की अनुमति दिए जाने का सख्त निर्देश है।
इस कारण एक-दो मिनट विलंब से पहुंचने वाले परीक्षार्थियों को भी परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। यह हाल एक-दो परीक्षा केंद्र नहीं बल्कि कई परीक्षा केंद्रों पर रहा। लिहाजा चंद मिनटों का विलंब से दर्जनों परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया। ऐसे परीक्षार्थियों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। कई परीक्षार्थियों को आधार कार्ड की फोटो प्रति प्रस्तुत नहीं करने के कारण भी परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। कुल मिलाकर जिले के दर्जनों परीक्षार्थियों को पहले दिन ही परीक्षा से वंचित हो जाना पड़ा।
मनमोहन प्लस टू रामपट्टी परीक्षा केंद्र के रौशन कुमार राम ने बताया कि उनका परीक्षा द्वितीय पाली में था। वे दोपहर 1.25 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए थे। प्रवेश पत्र में आधार कार्ड की प्रति के साथ परीक्षा केंद्र में आने संबंधी निर्देश अंकित नहीं था। परीक्षा केंद्र पर आने पर आधार कार्ड की प्रति की मांग की गई। अपने अभिभावक को मोबाइल से आधार कार्ड की प्रति निकालने भेजा और वह परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए लाइन में लग गए। तत्काल उनके अभिभावक आधार कार्ड की प्रति भी लाए और वह लाइन में भी लगे थे। फिर भी उन्हें 1.30 तक प्रवेश नहीं करने दिया। जबकि वह 1.25 बजे दोपहर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए लाइन में लग गए थे। इसी परीक्षा केंद्र के द्वितीय पाली के परीक्षार्थी पंकज कुमार मुखिया ने बताया कि वह बीमार रहने के बावजूद 1.35 बजे दोपहर परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए थे। आधार कार्ड भी साथ में था। फिर भी परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया। इन दोनों परीक्षार्थियों का कहना है कि काफी आरज़ू मिन्नत करने रो-रोकर गुहार लगाने के बाद भी परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया। जिस कारण परीक्षा देने से वंचित हो गए और नाहक में एक साल बर्बाद कर दिया। इस सेंटर पर दोनों पालियों में दो दर्जन से भी अधिक परीक्षार्थियों के साथ ऐसी घटना होने की बात उक्त दोनों परीक्षार्थियों ने बताया है।
बहरहाल सख्त रवैए के चलते दर्जनों परीक्षार्थियों का एक साल तो बर्बाद हो ही गया।
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