मधुबनी में कागज पर चल रहा डाक्टरों का फर्जी खेल


राम शरण साह 
- एडीजे उमाकांत यादव की अदालत ने डाक्टर को किया तलब
-एक ही रोगी का दो अलग-अलग इंजरी रिपोर्ट देख हैरान रह गए जज
- पहले हाथ और आंख पर देखा जख्म, फिर सर फटने का दी इंजरी 

मधुबनी। राम शरण साह 
 मधुबनी में कागज पर डॉक्टरों का खूनी खेल चल रहा है। डॉक्टर सब कुछ ताक पर रखकर जख्मियों का जख्म प्रमाण पत्र निर्गत करने से नहीं चूकते। इतना ही नहीं जल्दीबाजी और दबाव में  एक ही रोगी का दो अलग-अलग प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दे रहे हैं। इस बात का भी ख्याल नहीं होता कि रोगी को खून बहा या नहीं। इसी तरह का एक मामला जब एडीजे उमाकांत यादव की अदालत में पहुंचा तो लोग दंग रह गये। जज भी हैरान रह गये। कोर्ट ने जख्म प्रमाण-पत्र  निर्गत करने वाले डॉक्टर को न्यायालय में सदेह उपस्थित होने का आदेश पारित करते हुए केस की सुनवाई अगली तारीख तक के लिए टाल दी है। मामला मधेपुर पीएचसी से जुड़ा है। पीपी राजेंद्र राय ने बताया कि अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। उसी दिन डॉक्टर की पेशी होनी है।
जानकारी के अनुसार  मोहम्मद अजीज वगैरह बनाम बिहार सरकार के मामले में अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान शनिवार को आवेदक के वकील कृष्णदेव यादव ने जब जख्मी मोहम्मद इसहाक के जख्म रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट से आरोपितों की जमानत अर्जी मंजूर करने की दलील दे रहे थे तभी सरकार की ओर से पी पी राजेंद्र राय ने कोर्ट को बताया कि दूसरा इंजरी भी है जो गंभीर नेचर का है। जख्मी इसहाक का दूसरा इंजरी रिपोर्ट जब सामने आया तो अधिवक्ता कृष्णदेव यादव ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक ही जख्मी का अलग-अलग इंजरी रिपोर्ट कैसे हो सकता। उन्होंने डाक्टर पर कई गंभीर आरोप भी लगाये। बाद में कोर्ट ने डाक्टर को न्यायालय में सदेह उपस्थित होने का आदेश पारित कर दिया। 

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क्या है मामला 
मधेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत खजुरा गांव में 28 अप्रैल 2017 को
मोहम्मद इसहाक एवं मोहम्मद रब्बानी के बीच मारपीट की घटना हुई थी। जिसमें कई लोग जख्मी हुए थे। इसमें एक मोहम्मद इशाक भी था । पुलिस प्रतिवेदन के मुताबिक इसहाक के दाएं हाथ और आंख के ऊपर जख्म था। डॉक्टर ने भी अपने जख्म प्रमाण पत्र में इसहाक के आंख के ऊपरी भाग और हाथ पर जख्म होने का जिक्र किया। बाद में मधेपुर पीएचसी से ही इसहाक का दूसरा जख्म प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दिया गया। जिसमें सिर पर गहरा जख्म होने की बात कही गई है। हालांकि इस रिपोर्ट में आंख और हाथ पर जख्म होने का कोई जिक्र नहीं है। दूसरे प्रतिवेदन में पुलिस ने भी सिर पर जख्म होने के संबंध में कोई जिक्र नहीं किया है। 

दोनों इंजरी रिपोर्ट में अंतर

खास बात यह कि दोनों इंजरी रिपोर्ट एक ही दिन निर्गत किया गया है लेकिन रिपोर्ट के नेचर में काफी अंतर है। पहली इंजरी रिपोर्ट में कड़े एवं भोथड़े हथियार से जख्म कारित होने की बात कही गई है। जख्म का नेचर साधारण बताया गया है। वहीं दूसरी इंजरी रिपोर्ट में सिर पर तेज एवं धारदार हथियार से जख्म कारित करने की बात कही गई है। जबकि जख्म का नेचर गंभीर प्रकृति का बताया गया है। यही अंतर केस की दशा बदल सकती है।

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